अब जालंधर में अधरंग का इलाज मिनटों में शुरू हो सकेगा, क्योंकि एन.एच.एस. अस्पताल ने खुद को शहर का पहला चौबीसों घंटे अधरंग-तैयार अस्पताल बना लिया है। अत्याधुनिक तकनीक, अनुभवी डॉक्टरों और तेज़ इमरजेंसी सेवाओं के साथ यह अस्पताल अधरंग के मामलों में समय रहते जान बचाने के लिए पूरी तरह सक्षम है।
“टाइम इज़ ब्रेन”: हर सेकंड है महत्वपूर्ण
अधरंग तब होता है जब दिमाग में खून की सप्लाई रुक जाती है। इससे हर मिनट लाखों दिमागी कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं। जल्दी जांच और इलाज से मरीज पूरी तरह ठीक हो सकता है, जबकि देरी से अपंगता या मौत का खतरा बढ़ जाता है। इसी वजह से एन.एच.एस. अस्पताल ने “टाइम इज़ ब्रेन” मिशन को अपनाया है।
आधुनिक तकनीक और विशेषज्ञों की टीम
अस्पताल में इमरजेंसी के भीतर ही सीटी स्कैन और एम.आर.आई. की सुविधा है, जिससे मरीज के आते ही स्ट्रोक का प्रकार पता चल जाता है। इस सुविधा से इलाज में कोई देरी नहीं होती।
अस्पताल की अधरंग यूनिट का नेतृत्व कर रहे हैं:
डॉ. संदीप गोयल (डीएम न्यूरोलॉजी) – 25+ वर्षों का अनुभव।
डॉ. नवीन चितकारा (एमसीएच न्यूरोसर्जरी) – 30+ वर्षों का सर्जिकल अनुभव।
इनके साथ डॉ. सुरभि महाजन (डीएम न्यूरोलॉजी), डॉ. सुधीर सूद और डॉ. राजिंदर (न्यूरोसर्जन), डॉ. रूही और डॉ. जसदीप (रेडियोलॉजिस्ट), साथ ही डॉ. पूजा, डॉ. जशनप्रीत और डॉ. हरलीन (न्यूरो-एनेस्थेटिस्ट्स) की 70+ साल की विशेषज्ञ टीम अधरंग मरीजों को समर्पित देखभाल प्रदान करती है।
Stroke ICU और कैथ लैब की सुविधा
एन.एच.एस. अस्पताल में समर्पित स्ट्रोक आईसीयू मौजूद है, जहाँ मरीज की 24×7 निगरानी होती है। साथ ही, कैथ लैब में मैकेनिकल थ्रॉम्बेक्टॉमी जैसी एडवांस प्रक्रियाएं तुरंत की जा सकती हैं, जिससे थक्का हटाकर जान बचाई जा सके।
इलाज की पूरी प्रक्रिया एक ही छत के नीचे
मरीज का तुरंत मूल्यांकन
इमेजिंग जांच (CT/MRI)
विशेषज्ञ द्वारा इलाज शुरू
ICU में गहन देखभाल
जरूरत पर न्यूरोइंटरवेंशन
रीकवरी के लिए फिजियोथेरेपी और काउंसलिंग
मरीज-केंद्रित दृष्टिकोण
तकनीक के साथ, यहां की टीम मरीज और उनके परिवार को मानवीय सहारा और विश्वास भी देती है। डॉ. संदीप गोयल कहते हैं, “हमारा लक्ष्य सिर्फ इलाज नहीं, बल्कि मरीज को आशा देना भी है।”
एन.एच.एस. अस्पताल ने जालंधर और आसपास के इलाकों में अधरंग इलाज की दिशा बदल दी है। यह अस्पताल न सिर्फ तैयार है, बल्कि हर क्षण मरीज की जान बचाने के लिए प्रतिबद्ध भी है।